RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Thursday, June 24, 2010
किताब
खोली जो किताब
मिला ये ज्ञान
प्यार में है एकता
सच में है सफलता
सबक है ये सबसे महान
बदल गयी जिन्दगी की रेखा
खत्म हुई जब किताब
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