POEMS BY MANOJ KAYAL
चाल में उनके नजाकत थी
हर कदम पे धीमी आहट थी
हर आहट में सरगम थी
सरगम में ऐसी नफासत थी
उनके आने की ख़बर
उनके आने से पहले
कोसो दूर पहुँच जाया करती थी
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