बांधे रख सके हमें अपने दामन से
डोर ऐसी बनी नहीं
परवाने है हम तो
फिर भी शमा हमें जलाती नहीं
कब कहाँ कौन से फूलों पे
हम जैसे भवरों का बसेरा हो
पता नहीं
आज दिल हसीन है रंगीन तितलियों से
कल की हमें फिक्र नहीं
डोर ऐसी बनी नहीं
परवाने है हम तो
फिर भी शमा हमें जलाती नहीं
कब कहाँ कौन से फूलों पे
हम जैसे भवरों का बसेरा हो
पता नहीं
आज दिल हसीन है रंगीन तितलियों से
कल की हमें फिक्र नहीं
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