POEMS BY MANOJ KAYAL
मुस्कान के बदले हम तो
ग़मों का सौदा करते है
लोगो को मुस्कराते देख
अपने गम भूल जाते है
ओर खिलखिलाते हुए
उनकी खुशियों में शरीक हो जाते है
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