RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Friday, May 28, 2010
दुआ रब से
खाब्बों में ख्यालों में
अक्सर मिल जाते है
दिल की राहों में
पर चले क्यों जाते है
जब खुल जाती है आँखे
काश सपना सच हो जाये ये
तुम हमको मिल जाओ बस
दुआ रब से करते है बस यही अब
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