बड़ी बेमुरब्बत है जिंदगानी
जन्म लेते है जब
तब बजाते है ढोल थाली
हो जाये कोई भूल तो
जीवन भर देते है गाली
मर जब जाते है
झूटे आंसू बहाने चले आते है
मगर जरुरत पड़े जब कभी
तब पहचान से इनकार कर जाते है
क्यों गले पड़ रहे हो
क्यों हमसे नाता जोड़ रहे हो
बोलने में भी नहीं संकुचाते है
सच ही तो है
जिन्दगी सचमुच बड़ी ही
बेरहम बेमुरब्बत है
No comments:
Post a Comment