POEMS BY MANOJ KAYAL
जब भी मैंने आवाज़ दी
तुने अनसुनी करदी
आज जब तुने पुकारा
मैं बहुत दूर निकल आया
अब लोट आना मुमकिन नहीं
दुआ फिर भी करेंगे
तुम ज़हा भी रहो
सदा सलामत रहो
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