जिन्दगी के इस मुकाम पे
फितरत अब बदल नहीं सकती
आदत दिल लगाने की
छुट नहीं सकती
अरमान अब बस रहा है
यही बाकी
आये वक़्त जब जनाजे का
कांधा लगाने भी आये
चार हसीन बालाये ही
ताकि जीवन के इस अंतिम सफ़र में भी
लगा रहे दिल हमारा भी
फितरत अब बदल नहीं सकती
आदत दिल लगाने की
छुट नहीं सकती
अरमान अब बस रहा है
यही बाकी
आये वक़्त जब जनाजे का
कांधा लगाने भी आये
चार हसीन बालाये ही
ताकि जीवन के इस अंतिम सफ़र में भी
लगा रहे दिल हमारा भी
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