POEMS BY MANOJ KAYAL
जिन्दगी इतनी बुरी भी ना थी
पर किस्मत साथ ना थी
खड़े थे भीड़ में अकेले
पर साथी कोई साथ ना थी
जरुरत पड़ी जब कभी
सिर्फ अकेलेपन की उदासी पास थी
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