POEMS BY MANOJ KAYAL
काँटों में रह के भी
जो मुस्कराए गुलाब की तरह
जिन्दगी के ह़र पल जीये वो
जिंदादिल इंसान की तरह
यही है वो मंत्र
जो बनाये खुशहाल जीवन को
No comments:
Post a Comment