POEMS BY MANOJ KAYAL
जुल्फें बिखरी लटें उलझी
पवन चली साँसे थमी
हमदम हमकदम था कोई पास
जादू भरी बातों से
उड़ा ले गया दिल की तान
धडकनों में समा गया
उसका ही नाम
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