POEMS BY MANOJ KAYAL
जिनकी हँसी पे हमने जग लुटाया
उन्होंने ही हमें यार ना बनाया
मुलाक़ात हुई जब
अजनबी कह ठुकरा दिया
भुला सका नहीं उस पल को
बददुआ दे सका नहीं
मेरे उस अजीज दोस्त को
कहा सदा खुश रहो
यही दुआ करेंगे तुम्हारे वास्ते
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