RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Saturday, May 29, 2010
चाँद चला गया
सितारों से सजी महफ़िल में
चाँद एक नज़र आया
शाम ए महफ़िल उसकी चाँदनी से थी गुलजार
लगी थी सितारों में होड़
हाथ ना लगी मगर किसीके वो
छिपा लिया खुद को बदरी में
रह गए सितारें बस आँखे टिमटिमाते
ओर चाँद चला गया महफ़िल छोड़
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