जिन्दगी तुझ से कोई गिला नहीं शिकवा नहीं
जो तुने दिया वो काफी नहीं
फिर भी तुझसे कोई शिकायत नहीं
अरमा थे बहुत पर सारे पूरे हो ना सके
मौके तुने दिए नहीं
ओर हासिल खुशियाँ हुई नहीं
फिर भी तुझसे गिला नहीं
तम्मना है अब बस इतनी सी
फुर्सत अगर मिले कभी
तो घर मेरे भी आना जिन्दगी
आके गले हमको भी लगा जाना ये जिन्दगी
तुम आओ या ना आओ
पर अब कोई शिकायत नहीं तुझसे ये जिन्दगी
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