POEMS BY MANOJ KAYAL
ओ गाँव की छोरी
मैं शहर का छोरा
कैसे होगा मिलन ये तेरा मेरा
बदल गया है ज़माना
भाता नहीं नए जमाने का रंग
तुझको जरा भी
ऐसे में कैसे करलू
जीवन साथ बिताने का वादा
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