POEMS BY MANOJ KAYAL
उथल पुथल बदल फिरत है
मौसम के रंग हज़ार
कहीं बह रही पावन रूमानी
कहीं खिल खिला रही वादियाँ फूलों की
रंगीन है मौसम का मिजाज
मिलता है सकून
जब चलती है ठंडी वयार
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