POEMS BY MANOJ KAYAL
बरस रहा अम्बर
बोल रही धरती
खिल उठी जिन्दगी
बारिस की शबनमी बूंदों से
लहरा उठी जिन्दगी
नए अंकुरों में
फ्रस्फुटित हो चली जिन्दगी
बरस रही मेघा
चमक रही बिजली
गरज रहा अम्बर
बोल रही जिन्दगी
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