ख़ुद ने ख़ुद को प्रोत्साहित किया
कदम बढ चले नई मंजिल की ओर
शिखर कामयाबी का
कल तक जो लगता था दूर
आज वो लग रहा बहुत करीब
फासला चाँद कदमो का मिटने को है त्यार
इतिहास दोहरायेगा ख़ुद को
ओर बन जायेगी एक नई पहचान
स्वर्ण अक्षरों में लिखी जायेगी
सफलता की ये मिशाल
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