POEMS BY MANOJ KAYAL
छोटी सी एक मुलाक़ात
सवालों से घिरी दास्तान
फिक्रमंद दोनों इंसान
एक गाये झूटे आलाप
दूजा कहे सच्ची बात
अन्तर है गहरा
राह नहीं आसान
इसलिए बन गई एक छोटी सी मुलाक़ात
दोस्ती की पहली और आखरी मुलाक़ात
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