POEMS BY MANOJ KAYAL
युग युगांतर से चली आ रही जुबानी
परम्परा ये सदियों पुरानी
अखरती है दुनिया को प्रेम कहानी
रास आती नहीं उनको प्रेम दीवानी
क्योंकि उनकी नहीं कोई प्रेम कहानी
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