बुखार प्यार की उतर गई
देखा जो उनकी आँखों में
सच्चाई पता चल गई
दिल्लगी थी दिल लगी नहीं थी
नादान हमने नादानी में
बीमार दिल को बना दिया
दिल और दिल्लगी के इस खेल में
ख़ुद को जला लिया
ऐतबार इसको किसी का ना रहा
नफरत ये ख़ुद से करने लगा
भूत प्यार का उतरने लगा
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