POEMS BY MANOJ KAYAL
गुजरे कल को भूल जाओ
आने वाले कल की चिंता करो
भूत से निकल भविष्य को सुमरन करो
रहना है खुशहाल तो मेरे दोस्त
वर्तमान में जीना सीखो
No comments:
Post a Comment