POEMS BY MANOJ KAYAL
पल इन्तजार के खत्म होते नहीं
ज्यौं ज्यौं समय लगे बीतने
त्यौं त्यौं इन्तजार लगे बड़ने
पल पल लगने लगे सदी समान
जितना ज्यादा इन्तजार
उतना ही ज्यादा इन्तजार
इसलिए करो सब्र से इन्तजार
मीठा लगने लगेगा इन्तजार
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