हर आंसुओ को सहेजा है
मोतियो की माला में गुंथा है
अनमोल है ये आंसू
सहेज के इनको आँखों में रखा है
बेवजह निकल ना जाए आंसू
आँखों को बंद कर रखा है
लग गई जो आंसुओ की झड़ी
माला अश्को की पिरो ना पाऊंगा
आंसुओ की कीमत को जाना है
हर आंसुओ को इसलिए खूबसूरती से सहेजा है
नफासत से इनको आँखों में कैद कर रखा है
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