POEMS BY MANOJ KAYAL
चटर पटर मटर
रपट पकड़ पटक
सटर मगर गटक
फटर फटर ना कर
टहर डपट झपट
लटर पटर ना कर
खट पट खट पट ना कर
मुहफट सट्टा सट गटक
झटपट सरपट खा ले मटर
कहीं बन्दर गिरा न दे गटर के अन्दर
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