RAAGDEVRAN
POEMS BY MANOJ KAYAL
Sunday, January 10, 2010
मेरी आरजू
तुम रहो खुश सदा
बस यही है दुआ मेरी
उमर मेरी भी लग जाए तुझे
यही तम्मना है मेरी
नजर ना किसी की लग जाए
बस यही है आरजू मेरी
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