POEMS BY MANOJ KAYAL
दूरियां मिटाने सिर्फ़ एक मुलाक़ात ही काफ़ी है
जिन्दगी गुजारने सिर्फ़ तेरा साथ ही काफ़ी है
ख़ुद को भुलाने सिर्फ़ तेरा प्यार ही काफ़ी है
जो तू हाँ कह दे तो एक मुलाक़ात ही काफ़ी है
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