तम्मना बस इतनी सी है
ख्वाईस छोटी सी है
काश दो पंख हम को भी मिल जाते
उड़ के तेरे पास चले आते
तुम पलके झुकाती
इससे पहले तेरे नयनों
से काजल चुरा ले जाते
तेरी पलके बंद होते ही
हम फुर्र से उड़ जाते
तुम कुछ समझ पाते
इससे पहले हम तेरे दिल में
अपना आशिया बना आते
No comments:
Post a Comment