POEMS BY MANOJ KAYAL
दर्द आपने अपना बया किया
पर दर्द औरों का आप समझ ना पाये
स्वार्थी है आपकी फितरत
आप रोते हो बेमतलब
दर्द से ही है दर्द की पहचान
समझ लिया जो आपने दुनिया का दर्द
तो फिर दर्द की ना ही कोई बात है
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