POEMS BY MANOJ KAYAL
छलक रहा है दिल का सागर
भर लो आके मन का गागर
बह रही है प्रेम रस धारा
कह रही है करीब तू आ जा
मगन हो जाए भूल जाए
उमंग भरी दिल की वादियों में
एक दूजे में खो जाए
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