कमी है मुझ में ऐसी कोई
प्यार कोई करता नहीं
नफरत के काबिल भी समझता नहीं
दोस्त कोई बने नहीं
दुश्मनों की कमी नहीं
प्रर्यत्न करू अच्छा करने की
पर होवे बिलकुल उसके उलट
इस कडवाहट से जिन्दगी बदली
आने लगी है ह़र बातों पे झंझलाहट
पर खुद में कमी की तलाश अब भी है जारी
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