Sunday, January 17, 2010

गजल

गजल तुम बन जाओ तो गीत हम बन जाए

दोनों जो मिल जाए तो संगीत बन जाए

कुदरत ने दिया है साथ तो क्यों ना सरगम बन जाए

आओ हम तुम मिल इस साज की धुन बन जाए

एक सुन्दर रचना बन एक दूजे की प्रेरणा बन जाए

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