POEMS BY MANOJ KAYAL
सोई किस्मत जागे तभी
मंत्र ऐसा कोई जब पढू कभी
खुलने लगे बंद किस्मत के ताले
कुंजी ऐसी मिले जब कहीं
सफलता के राज छुपे हो जिसमे
मिला ना वैसा मंत्र अभी तलक
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