Tuesday, December 15, 2009

कैसे

चाहा सिर्फ़ तुम्हे ही है

सोचा किसी ओर के बारे में नहीं

यकीन कैसे तुमको दिलाऊ

कैसे सीना चिर तुमको दिखलाऊ

दुनिया मेरी होती है तुमसे ही शुरू

खत्म भी होती ही तुम पे ही आके

यारा अब तो मेरा यकीन करो

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