POEMS BY MANOJ KAYAL
रिश्तो में खट्टास ऐसी आई
शहद सी घुली बातों में भी
करेले की कडवाहट नजर आई
रिश्ते जो लगते थे मिश्रि से मीठे
लग रहे निम् से कडवे अब
ऐसी क्या बात हो आई
बातों में जहर की महक चली आई
चाहत की जगह नफरत चली आई
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