POEMS BY MANOJ KAYAL
सप्ताह के है सात दिन
छ: दिन झगड़ा एक दिन प्यार
कैसा अनोखा है ये संसार
झगड़े बिन चैन नहीं
प्यार में फिर भी कोई कमी नहीं
कहना है बस इतना सा
क्यो झगड़े सप्ताह के सातवे दिन
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