POEMS BY MANOJ KAYAL
बजती रहे शहनाई छूटते रहे पटाखे
सदा भरा रहे दाम्पत्य खुशियों के आँचल से
मनोकामना है हमारी
सात फेरो का बंधन
बना रहे सात जन्मो तक
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