POEMS BY MANOJ KAYAL
माया के मायाजाल में फंसा जो
मायाजाल के महापोश से बच न सका वो
लालसा खत्म होती नहीं
लालच कभी मरता नहीं
दलदल माया का ऐसा
इससे कोई निकल पाता नहीं
चक्रव्यू ऐसा बाहर का मार्ग नजर आता नहीं
माया से मुक्ति इतनी आसान नहीं
माया के बिना रह पाना भी आसान नहीं
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