POEMS BY MANOJ KAYAL
हो कामयाबी के अश्व पर सवार
निकल चला एक नए अभियान
करनी है दुनिया फतह आज
बस यही एक लक्ष्य है पास
रुक ना सके अश्वमेघ ये
बिन अर्जित किए बुलंदिया शोहरत की प्यास
नाज हो मुझको भी
याद रखे दुनिया मेरे को भी
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