अभी अभी बात चली है
बात के साथ बात चली है
इस बात में बात जुड़ी है
बात से बात भड़ी है
जितने मुहँ उतनी बात बनी है
बात बात का फेर है
कोई समझे इशारो में बात
कोई ना समझे कहने से भी बात
बात बड़ी गंभीर है
इससे बड़ी और क्या बात है
जीवन में बातों का ही तो साथ है
यही सबसे अच्छी बात है
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