POEMS BY MANOJ KAYAL
बेगाना हो भटकू गली गली
खोजू प्यार हर कलि कलि
मिली ना कोई सुंदर कलि
कह सकू जिससे बात प्यार भरी
भटक रहा हु गली गली
कहीं तो मिलेगी मुझको भी
मेरे दिल की परी
संग जिसके होगी मेरी डोर बंधी
क्यो ना खोजू अपनी प्रेम दीवानी गली गली
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