ओ री पवन सुन री पवन
ओ री पागल पवन
बरसी जो घटा बनके शीतल चुभन
उड़ने लगी खाबो की उड़न
बरसने लगी उमंगो की तरंग
ओ री पवन सुन री पवन
ओ री पागल पवन
बदलने लगा आसमा का रंग
छाने लगी मेघो की छम छम
गाने लगी कोयल गीतों बहार
उठने लगी मन में उमंगें हज़ार
झुमने लगा दिल ये बार बार
ओ री पवन सुन री पवन
ओ री पागल पवन
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