POEMS BY MANOJ KAYAL
स्वच्छ निर्मल पावन
कांति आभा तर्पण
कोमल मनोहर नयन
फूलो का दर्पण
सुंदर सोम्य संयम
बेजोड़ है संगम
ऐसी चाहिए एक नार
जो बदल दे मेरा जीवन
भर दे सुखो से संसार
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