Monday, November 30, 2009

साजिश

सहमी सहमी सी रहती है दुनिया

हर तरफ़ खौफं नजर आती है

आलम दहशत का ऐसा है

हर ओर मौत नजर आती है

सन्नाटे में हवा भी

डर का मंजर बना जाती है

अंधेरे में जुगनू की रोशनी भी

एक साजिश नजर आती है

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