POEMS BY MANOJ KAYAL
ओ जीवन खवैया रे सुनलो मेरी पुकार
करादो मुझको भी भवसागर पार
लहरों की मस्ती में टूट न जाए मेरी नाव
करदो मेरा भी बेडा पार
सुन के चले आओ मेरी करुण पुकार
ओ सबके पालनहार
शरण में मुझको भी ले लो आज
मिटा दो मेरा संताप
करादो भवसागर पार
ओ जगत के पालनहार
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