POEMS BY MANOJ KAYAL
सफर खत्म हो चला रात गुजर गई
बीते लहमे याद बन दिलो में बस गए
नींद अब आती नहीं
पलके एक पल के लिए भी झुकती नहीं
तस्वीर वो आँखों के सामने से हटती नहीं
बिन उनके नींद अब आती नहीं
बीती रात भूली जाती नहीं
उनके बैगर अब रात गुजर पाती नहीं
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