लो फिर चली आई वो चाँदनी रात
हम तुम तुम हम बैठे डाले हाथो में हाथ
बिन मिलन गुजर ना जावे ये हसीन रात
चंदा चमके बनके तेरे माथे की बिंदिया है आज
लो फिर चली आई वो चाँदनी रात
आओ एक दूजे की आँखों में करे चाँद का दीदार
पुरा है चाँद छटक रही चाँदनी
दमक रही बन के प्यार
आओ खो जाए एक दूजे में
गुजर ना जाए ये रात
लो फिर चली आई वो चाँदनी रात
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