POEMS BY MANOJ KAYAL
कल किसी ने पूछा क्या कल भी मेरा हाथ थामे रहोगे
मेरे मरने के बाद मेरा मकबरा बनवाओगे
हँस कर हमने कहा
भविष्य को छोडो वर्तमान की बात करो
बात मकबरे की कर रहे हो
देख सामने ताजमहल फिर क्यो घबरा रहे हो
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