POEMS BY MANOJ KAYAL
रुक रही साँसों को थाम लो
हो ना जाए देर इससे पहले
मेरे नाम की मांग सजालो
बिन तेरे कुछ भी नहीं
कैसे तेरे बिन जिया जाऊ
इन साँसों की डोर बंधी है
तेरी साँसों की डोर से
हो ना जाए देर कही
आके मेरा हाथ थाम लो
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