POEMS BY MANOJ KAYAL
तुम से मिलने जी तरसे
यू लगे सदिया बीती
प्रियतम तुम को जी भर देखे
कंचन सी तेरी काया
फूलो सी तेरी मुस्कान
दिल को देवे सुकून हजार
दिल कहे हर जनम
तेरी आगोस में लिपटा रहू
तेरे प्यार भरे आँचल में सिमटा रहू
दूरी अब सही ना जाए
तुम बिन अब जिया ना जाए
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